Tue Dec 30 04:50:00 UTC 2025: यहां टेक्स्ट का सारांश और उसे समाचार लेख के रूप में पुन: प्रस्तुत किया गया है:
सारांश:
सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद, उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने न्यूज 18 इंडिया के साथ एक विशेष साक्षात्कार में बात की। उसने कहा कि परिस्थितियाँ उसे फूलन देवी बनने के लिए मजबूर कर रही हैं। उसने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उसके पिता की हत्या कर दी गई थी और वह कुलदीप सेंगर को फांसी दिलाने तक अपनी लड़ाई जारी रखेगी। उसने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को राहत बताया और न्यायपालिका पर विश्वास जताते हुए धन्यवाद दिया।
समाचार लेख:
उन्नाव पीड़िता ने कहा, “समाज मुझे फूलन देवी बनने के लिए मजबूर कर रहा है”
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद, उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने न्यूज 18 इंडिया के साथ एक विशेष साक्षात्कार में बात की, जिसमें उन्होंने अपनी पीड़ा और न्याय के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता को व्यक्त किया।
पीड़िता ने कहा कि समाज ने ऐसी परिस्थितियाँ पैदा कर दी हैं जो उन्हें फूलन देवी बनने के लिए मजबूर कर रही हैं, जो एक भारतीय डाकू और राजनीतिज्ञ थीं, जो गरीबों और दलितों के लिए उनकी वकालत के लिए जानी जाती थीं।
“मेरे पिता की हत्या कर दी गई थी, और मैं कुलदीप सेंगर को फांसी दिलाने तक अपनी लड़ाई जारी रखूंगी,” पीड़िता ने कहा, उसकी आवाज दर्द से भरी हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पीड़िता ने राहत व्यक्त करते हुए न्यायपालिका पर भरोसा जताया और धन्यवाद दिया। यह फैसला पीड़िता और उसके परिवार के लिए आशा की किरण लेकर आया है, जो सालों से न्याय के लिए लड़ रहे हैं।
यह मामला 2017 में सामने आया जब पीड़िता ने कुलदीप सेंगर, जो उस समय एक शक्तिशाली विधायक थे, पर उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। इस मामले ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया और न्याय के लिए आंदोलनों को जन्म दिया।
कुलदीप सेंगर को 2019 में दुष्कर्म का दोषी ठहराया गया था और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, पीड़िता और उसके परिवार को अभी भी डर है कि सेंगर के समर्थक उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं।
पीड़िता ने कहा कि वह न्याय मिलने तक हार नहीं मानेगी। उन्होंने दूसरों को भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
“मुझे उम्मीद है कि मेरा मामला दूसरों को न्याय के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करेगा,” पीड़िता ने कहा। “हमें चुप नहीं रहना चाहिए, हमें बोलना चाहिए और हमें अन्याय के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।”
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की कहानी साहस और दृढ़ संकल्प की कहानी है। यह न्यायपालिका के महत्व और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता की याद दिलाती है।